संदेश

मैं और मेरी तन्हाई

सपना.....यानी तुम

नौशीन मुबारक !

त्रिया चरित्रं

नहीं आना ?

मोहब्बत !

मेरे सीने की हिचकी भी

नमस्ते

बलात्कार

पिंजरा

पागल

राजतिलक

काश ! तुम समझ पाते