क्या करोगी ? जून 23, 2009 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप जानता हूँ , ऐसा कभी नहीं होगाफ़िर भी ---वक्त का क्या ठिकाना ? कभी ऐसा हो कि मैं गुम हो जाऊँ --- सुबह का निकला शाम , रात , अगले दिन और फ़िर कई अगले दिनों तक वापस न आऊँ /तब तुम क्या करोगी ? टिप्पणियाँ M VERMA23 जून 2009 को 11:24 am बजेआशंकाओं को शंकाओं के बीच तलाशने की जद्दोजहद बहुत खूबजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंAsha Joglekar23 जून 2009 को 12:28 pm बजेभगवान न करे ..............।जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंUdan Tashtari23 जून 2009 को 12:40 pm बजेअरे महाराज!! यह कैसा प्रश्न?जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंओम आर्य24 जून 2009 को 3:09 am बजेkyo aapane najuk khyal ko dara rahe ho.........जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
आशंकाओं को शंकाओं के बीच तलाशने की जद्दोजहद
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
भगवान न करे ..............।
जवाब देंहटाएंअरे महाराज!! यह कैसा प्रश्न?
जवाब देंहटाएंkyo aapane najuk khyal ko dara rahe ho.........
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