कोई नहीं होता....

यकीनन,
कोई नहीं होता.....
कोई भी नहीं होता
तब
जब आपको जरूरत होती है,
किसी के होने की
जब आप चाहते हैं कि,
कोई हो
जब आप साझा
करना चाहते हैं
अपने एहसास.....
एकाएक
पता चलता है
कि
कोई है ही नहीं
यही सच है
हां,
सचमुच
तब कोई नहीं होता....
लेकिन
कोई क्यों नहीं होता ?

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