पाहुन तुम नहीं आए


पाहुन !

आज तुम नहीं आए

यथार्थ में

सपनों में

सोचों में ....

कहीं भी नहीं

गुड नाईट एस एम् एस भी

अब नहीं आते।

आदतें जब बदलतीं हैं

तब एहसास नहीं होता।

बदल जातीं हैं

तब हाथ में कुछ नहीं होता।

मुझे

सचमुच पता ही नहीं चला

जो शख्स

धडकन की तरह

मेरे दिल में धड़कता था

उसका न आना

कब मेरी आदत में

शुमार हो गया।

और ...

धडकन के बिना

अभी भी कैसे

धक - धक कर रहा है दिल

अजूबा हो गया

है न ???

किसी दिन

अजूबा देखने के

बहाने तो आओगी ?

आना ---

मैं इंतजार करूंगा।

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